West Bengal जो पुलिस मूक होकर देखती रही तमाशा,महिलाओं ने राज्यपाल से लगाई गुहार, स्मृति ईरानी ने CM ममता को लताड़ा- हिंदी पत्रिका

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों से परेशान महिलाओं की आवाज़ वहाँ की स्थानीय पुलिस में खोज रही है। जाँच टीम तो बनी है, लेकिन महिलाओं का कहना है कि पुलिस उनकी सहायता के बजाय उन्हें अत्याचारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उनकी गुहार के बीच, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इस मुद्दे पर आलोचना की है। उन्होंने मीडिया के सामने ममता बनर्जी को खरी-खरी सुनाई है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि संदेशखाली में जवान शादीशुदा महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। वह आगे बोलते हैं कि ममता बनर्जी ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही हैं जो हिंदू महिलाओं को लकड़ी का इस्तेमाल करके पीड़ित कर रहे हैं। ईरानी ने संदेशखाली की महिलाओं द्वारा उठाए गए आरोपों को मीडिया में प्रस्तुत करते हुए बताया कि TMC के गुंडे अपनी निगाहें घर-घर महिलाओं पर डालते थे और उन्हें हर समय निगरानी में रखते थे। उनका दावा था कि जब तक TMC वाले नहीं चाहते थे, तब तक इन महिलाओं को छोड़ा नहीं जाता था।

स्मृति ईरानी ने संदेशखाली में महिलाओं की पीड़ा को सुनाते हुए कहा- “ममता बनर्जी हिंदुओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा करने के लिए जानी जाती हैं। वह अपने गुंडों को महिलाओं के साथ अश्लील व्यवहार करने की छूट देती हैं। यह सवाल है कि देश के लोग ऐसी अन्यायपूर्ण हरकत को चुपचाप कैसे देख सकते हैं।”

समाचार में संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले का खुलासा होने के बाद सभी हैरान हैं। जबकि इस मुद्दे पर बंगाल पुलिस ने 10 सदस्यों की टीम बनाई है और महिलाओं के आरोपों की जाँच के लिए काम कर रही है। लेकिन महिलाओं की आपत्ति इस बात से है कि पुलिस अब तक उनके साथ होने वाले अन्याय को नजरअंदाज करती रही है, और अब उन्हें न्याय कैसे मिलेगा।

बताया जा रहा है कि टीम को जो महिला डीआईजी लीड करेंगी, उन पर भी स्थानीय लोगों ने इल्जाम लगाया है कि वह टीएमसी गुंडों की गुंडागर्दी के बारे में जानती थीं और फिर भी अब तक चुप रहीं। इसके अलावा, कुछ वीडियोज़ भी सामने आए हैं जिनमें महिलाएं कहती सुनाई पड़ रही हैं कि संदेशखाली में पुलिस द्वारा पीड़िताओं को प्रताड़ित किया जाता है। कभी रात में पुलिस घर आती है और कभी घर के पुरुषों को गाली देती है।

एक महिला ने तो रिपब्लिक बंग्ला को बताया कि टीएमसी गुंडों ने उनकी खिड़की तोड़ दी थी और उनसे बाहर आने को कहा था। महिला के अनुसार, “उन लोगों ने साफ कहा था कि वो मेरा गैंगरेप करेंगे। ये सब पुलिस के सामने हो रहा था। कई महिलाएँ ऐसी भी हैं जिनके बाल और साड़ी खींची जाती है। हम संदेशखाली में सुरक्षित नहीं हैं। ऐसी प्रताड़ना से तो बेहतर है हमें मार दिया जाए।”

पुलिस का रवैया देख पीड़िताएँ उनपर विश्वास नहीं कर पा रहीं। 12 फरवरी को उन्होंने बंगाल गवर्नर सीवी आनंद बोस से इस मामले में न्याय माँगा। उन्होंने कहा, “जब तक आप यहाँ रहते हैं, हम बात कर सकते हैं, लेकिन एक बार जब आप चले जाते हैं, तो स्थिति वही हो जाती है जो पहले थी। वे हम पर अत्याचार करते रहेंगे। कुछ ऐसा करो कि वे गिरफ्तार हो जाएँ। हम कड़ी सजा की माँग करते हैं; हम न्याय चाहते हैं।” बंगाल राज्यपाल ने इस मामले में महिलाओं को आश्वासन दिया है कि आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब हो कि 8 फरवरी 2024 को संदेशखाली में सैंकड़ों महिलाएँ झाड़ू और डंडा लेकर सड़कों पर आ गईं थीं। उन्होंने टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ की गिरफ्तारी की माँग की थी। उन्होंने कहा था कि इन लोगों ने उनका जीना मुश्किल कर दिया है। उनकी जमीनें कब्जा ली गई हैं। घटना के बाद भाजपा नेता अर्चना मजूमदार ने दावा किया था कि स्थानीय पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के घर रेड मारी थी और उन्हें प्रताड़ित भी किया गया। इसके बाद वहाँ हिंदू महिलाओं को टारगेट करने, उनके साथ यौन हिंसा क की बातें भी मीडिया में आईं और जब स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे को उठाया तो इस पर हर जगह चर्चा शुरू हो गई। अब महिलाओं को न्याय दिलाने की माँग हो रही है।

 

 
 
 

 

 

 
 
 

 

 
 
 

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