लोकसभा चुनावों के ऐलान के पहले ही दिन मोदी सरकार के एक बड़े कामयाबी का समाचार आया है। मोदी सरकार ने देश के 75% ग्रामीण क्षेत्रों में नल से जल पहुँचाने के क्षेत्र में कामयाबी हासिल की है। अब गाँवों में रहने वाले लोग अपने घर में ही पानी की आपूर्ति का आनंद ले रहे हैं। निकट भविष्य में, पानी के मटके लेकर घरों में पहुँचाई जाने वाली महिलाओं की तस्वीरें इतिहास का हिस्सा बनेंगी। मोदी सरकार ने ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत हर घर में नल से जल पहुँचाने की इस सफलता को हासिल किया है।
जल जीवन मिशन एक महत्वपूर्ण योजना है जो मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई है। यह योजना प्रधानमंत्री के विकसित भारत के लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके तहत, हर गाँव को साफ़ पानी की पहुँच सुनिश्चित करना है, और मोदी सरकार ने इसके लिए पिछले पांच वर्षों में काफी धन का उपयोग किया है।
लोकसभा चुनावों से पहले, मोदी सरकार के काम का मूल्यांकन हो रहा है। इस दौरान, सरकार ने कई महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान किया है। आवास योजना के माध्यम से घरेलू आवास प्राप्ति बढ़ी है और उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर भी वितरित किए गए हैं। पानी की समस्या को हल करने के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत, मोदी सरकार द्वारा कई सफलताएं हासिल की गई हैं, और यह योजना अब 75% से अधिक गाँवों में कामयाब हो रही है।
देश के गाँवों में रहने वाले लोगों के लिए पीने के साफ पानी की उपलब्धता अभी भी एक बड़ी चुनौती है। 2014 तक, इन गाँवों में पानी के संकट का समाधान करने के लिए किसी विशेष प्रयास की गई नहीं थी। किसी भी सरकार ने गाँवों में पीने के पानी की आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए नल से जल के लिए कोई पहल नहीं की थी। महिलाएँ अक्सर कई किलोमीटर दूर से पानी लाने के लिए जाती रहती थीं, लेकिन किसी भी सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया था।
जल जीवन मिशन से पहले खराब थी हालत
पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लालकिले से जल जीवन मिशन का ऐलान किया था। इस मिशन के माध्यम से उन्होंने देश में जल संकट की समस्या को हल करने का संकल्प दिखाया था। यह मिशन चालू होने से पहले बहुत से गाँवों में नल से पानी की आपूर्ति नहीं होती थी और लोगों को पानी के लिए काफी समस्या होती थी।
जल शक्ति मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में देश के ग्रामीण क्षेत्र में 19.3 करोड़ घरों में से मात्र 16% घरों में ही नल से पानी की आपूर्ति हो पाई थी। इसका मतलब है कि 1947 से लेकर 2019 तक देश के केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों तक ही पानी पहुँच पाया था।
आँकड़ों के अनुसार, 2019 तक देश के केवल 10 राज्यों में ही गाँवों में 50% से अधिक जनता नल से सुरक्षित पानी पा रही थी। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों में 5% ग्रामीण घरों को भी पानी नहीं मिल पा रहा था। इसलिए, यह मिशन लाया गया था।
जल जीवन मिशन ने बदली तस्वीर
2019 में शुरू किया गया जल जीवन मिशन लगातार बढ़ते रह रहा है और गाँव-गाँव में इसके द्वारा पानी का कनेक्शन जुड़ रहा है। जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में देश के 75% घर नल से जल प्राप्त कर रहे हैं। अब देश के 19.3 करोड़ ग्रामीण घरों में से 14.5 करोड़ घरों को अब स्वच्छ पानी की सप्लाई हो रही है।
जल जीवन मिशन की शुरुआत के बाद 11.2 करोड़ घरों को पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। जब यह मिशन आरंभ हुआ तो देश में 16 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में से कई ऐसे थे जो नल से जल का लाभ नहीं उठा पा रहे थे। अब इसमें से 70% घरों तक पानी पहुँच गया है। इसके फलस्वरूप, देश के दुर्गम क्षेत्रों तक पानी पहुँचाने में सफलता हासिल हुई है।
जल जीवन मिशन पर सरकार ने मिशन मोड में काम किया है। इसके लिए गाँव-गाँव में पानी की टंकियाँ बनाई गई हैं जिनसे पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा, हर गाँव में पानी की पाइपलाइन भी लगाई गई है।
इन 11 करोड़ घरों में पानी पहुँचने के फायदे के बारे में यह भी है कि अब इन घरों की महिलाओं को पानी लेने के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं है। पानी का स्वच्छता और सुरक्षितता का भी कोई खतरा नहीं है। इस वजह से महिलाएं अधिक समय को अन्य कामों में निवेश कर सकती हैं।
हाल ही में NEWS18 ने लोकसभा चुनाव से संबंधित एक सर्वे किया जिसमें 70% लोगों ने बताया कि वे सरकार के जल जीवन मिशन योजना से लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने इसे उज्ज्वला और अन्य योजनाओं के साथ ही प्रभावी माना।
हरियाणा-गुजरात ने पहुँचाया 100% घरों में पानी, बंगाल-झारखंड फिसड्डी
जल जीवन मिशन के अंतर्गत कई राज्यों में अब 100% ग्रामीण घरों में नल से जल पहुँच गया है। देश के 11% राज्यों ने यह उपलब्धि हासिल की है। गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप, दादरा नगर हवेली और दमन दीव, हरियाणा, तेलंगाना, पुद्दुचेरी, गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में 100% घरों को नल से जल पहुँचाया जा चुका है।
इसके अलावा बिहार और उत्तराखंड जैसे राज्यों में 90% से अधिक घरों में नल से जल पहुँचाया जा चुका है। अब देश के दो राज्यों को छोड़ कर सभी जगह 50% से अधिक ग्रामीण घर पानी पा रहे हैं। हालाँकि, कई राज्यों का इस योजना के क्रियान्वन में प्रदर्शन चिंताजनक है।
तृणमूल कॉन्ग्रेस की सत्ता वाला राज्य पश्चिम बंगाल इस योजना को लागू करने में सबसे पीछे रहा है। पश्चिम बंगाल में अभी मात्र 45% घरों में ही नल से जल पहुँचाया जा सका है। वहीं झारखंड के मात्र 51% और केरल के 52% घरों में नल से जल पहुँचा है। रेगिस्तानी क्षेत्रफल होने के कारण राजस्थान भी 50% से नीचे है।
केंद्र सरकार ने इस योजना पर अब तक ₹1.82 लाख करोड़ खर्चे हैं। केंद्र सरकार साल दर साल अपना योगदान इस योजना में बढ़ा रही है। वर्ष 2023-24 में इस योजना के लिए ₹66,023 करोड़ का आवंटन किया था। जबकि 2022-23 में इस योजना के लिए ₹54,744 करोड़ दिए थे।
इस बार के लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार 10 साल में किए गए विकास को मुद्दा बना कर जनता के सामने जाने वाली है। मोदी सरकार जल जीवन मिशन को आवास योजना और मुफ्त राशन योजना जैसी सफलताओं के साथ जोड़ कर लोगों के सामने रखेगी। ग्रामीण जनता पर भी इस अपील का बड़ा असर देखने को मिल सकता है। पानी की समस्या सुलझने से लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आया है, ऐसे में वह इस मुद्दे को लेकर भाजपा का समर्थन इन चुनावों में कर सकते हैं।