उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद, अब बिहार के सीतामढ़ी में माता सीता की जन्मभूमि के विकास के प्रयास तेज हो गए हैं। सीतामढ़ी में माता सीता की जन्मस्थली पर नए मंदिर के निर्माण और इस क्षेत्र के विकास की योजना पर बिहार सरकार ने काम आरंभ कर दिया है।
बिहार सरकार की इस योजना के अनुसार, सीतामढ़ी में अयोध्या के समान एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए, पुराने मंदिर के आसपास के 50 एकड़ से अधिक भूमि को अधिग्रहित किया जाएगा। यह निर्णय हाल ही में बिहार कैबिनेट की बैठक में लिया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, नए मंदिर के लिए प्रयासरत कामेश्वर चौपाल ने बताया, “सीतामढ़ी में माता सीता के लिए वही महत्व है जो अयोध्या में भगवान राम के लिए है। यह हिन्दुओं के लिए पवित्र स्थान है। विश्व भर से लोग अयोध्या के राम मंदिर में दर्शन करने आएँगे और माता सीता की जन्मभूमि भी देखना चाहेँगे। हम चाहते हैं कि सीतामढ़ी में माता सीता का एक भव्य मंदिर बने।” चौपाल ने बताया कि अभी जो मंदिर सीतामढ़ी में है, वह 100 वर्ष पूर्व बनाया गया था और उसकी स्थिति अब अच्छी नहीं है।
कामेश्वर चौपाल ने कहा कि सीतामढ़ी में अयोध्या के राम मंदिर के समान ही एक भव्य मंदिर बनना चाहिए। गौरतलब है कि कामेश्वर चौपाल ने ही अयोध्या के राम मंदिर आन्दोलन के समय शिलान्यास में पहली ईंट रखी थी। वह वर्तमान में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य भी हैं।
बिहार सरकार ने पहले ही सीतामढ़ी के पुनर्विकास की योजना के तहत 16.63 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। इसके अंतर्गत नई सुविधाओं का विकास किया जाना था। हाल ही में इसके लिए ₹72 करोड़ का बजट भी मंजूर किया गया था।
इससे पहले, सीतामढ़ी में पर्यटकों की सुविधा के लिए मुख्य मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ, जानकी महोत्सव मैदान में वाहनों की पार्किंग, आगंतुकों के लिए कैफेटेरिया, कियोस्क और शौचालय की सुविधाएँ तैयार की जानी थी। इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री ने यहाँ मंदिर, जिसे पुनौरा धाम कहा जाता है, का दौरा किया था।
अब 50 एकड़ के अधिग्रहण का प्रस्ताव इससे अलग है। इसमें एक नए मंदिर का निर्माण शामिल होगा। मंदिर का निर्माण अयोध्या धाम के तर्ज पर होगा। इसके लिए पैसे की व्यवस्था आम जनता से चंदा लेकर की जाएगी। इसके बाद मंदिर का निर्माण होगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया है कि 50 एकड़ जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव भव्य मंदिर और उसमें आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने को लेकर ध्यान में रख कर लाया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर की माँग लम्बे समय से है लेकिन जबसे अयोध्या में राम मंदिर बन कर तैयार हुआ है तबसे यह माँग और जोर पकड़ रही है।
बिहार सरकार के मंदिर के पुनर्निर्माण के इस निर्णय को काफी समर्थन मिल रहा है। लोगों का कहना है कि उनका सीतामढ़ी से धार्मिक और भावनात्मक जुड़ाव है। यदि नया मंदिर बनता है तो उनके इलाके में धार्मिक पर्यटन बढ़ने से समृद्धि आएगी। इससे प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।