बिहार के दरभंगा में इस्लामिक कट्टरपंथियों के गुट ने माँ सरस्वती की मूर्ति को विसर्जित करने के लिए निकाले गए जुलूस पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि गुरुवार (15 फरवरी 2024) की शाम को 5 बजे मूर्ति विसर्जन करने जा रहे हिंदुओं का जुलूस अपने तय रास्ते से आगे बढ़ रहा था। तभी रास्ते में कट्टरपंथी इस्लामिक भीड़ ने पूरी यात्रा को रोक लिया और उन पर पत्थरबाजी कर दी। देखते ही देखते काफी लोगों को चोटें आई। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने माँ सरस्वती की मूर्ति भी खंडित कर दी।
इस घटना के बाद, हिंदुओं को निशाना बनाने के लिए पत्थरबाजी के साथ ही तेजाब से भी हमले की जानकारी सामने आई है। इस हमले में कई लोग घायल हो गए, जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। बाद में, डीएम, एसएसपी समेत भारी मात्रा में पुलिस बल मौके पर पहुँची और स्थिति को नियंत्रित किया। इस घटनाक्रम से जुड़े बड़े खुलासे में यह भी सामने आया है कि इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदुओं को निशाना बनाने की पूरी प्लानिंग की थी।
जानकारी के अनुसार, यह घटना भालपट्टी ओपी थाना क्षेत्र के मुरिया में हुई, जहाँ हाटगाछी में कसाई मोहल्ला के कट्टरपंथी गुट ने हिंदुओं पर हमला किया। इस भीड़ का नेतृत्व फैजान, महताब आलम, अब्दुल बारीक, मोहम्मद अब्दुल्ला, अमजद जैसे व्यक्तियों ने किया। इन्होंने हिंदुओं पर हमला किया। इस पूरे घटनाक्रम के एफआईआर की कॉपी ऑपइंडिया के पास मौजूद है, जिसमें विस्तार से इस्लामिक कट्टरपंथियों की साजिश का विवरण दिया गया है। पुलिस ने बताया है कि अब तक 14 दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया है, और बाकी की गिरफ्तारी की कार्रवाई जारी है।
WHATSAPP ग्रुप में छिपे हमले के राज?
एफआईआर के अनुसार, टाली गुमटी और मुरिया में स्थित माँ सरस्वती की मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए 15 फरवरी 2024 को जुलूस निकाला गया था। यह जुलूस हाटगाछी से निकलकर जीवछ घाट की ओर बढ़ रहा था। शाम के करीब 5 बजे, हाटगाछी में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने एक साथ आकर जुलूस को रोक लिया। उन्होंने विसर्जन जुलूस पर पत्थरबाजी की शुरुआत कर दी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद, प्राधिकारिक अधिकारी मौके पर पहुँचे और भीड़ की हिंसा को किसी तरह से रोका। इस हिंसा के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से एक व्यक्ति की पहचान मोहम्मद फैजान के रूप में हुई। उसके व्हाट्सएप का जाँच किया गया, और वहाँ ‘ऑन टॉप इस्लाम जिंदाबाद’ नामक एक ग्रुप मिला। इस ग्रुप में 7 एडमिन हैं। पुलिस ने इस व्हाट्सएप ग्रुप की जाँच की, और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और हिंसा की साजिश के सबूत मिले हैं।
इस घटनाक्रम के बाद पुलिस ने 61 व्यक्तियों के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 341, 323, 324, 325, 307, 332, 333, 353, 427, 153(A), 295(A), 120(B), 504, 506 और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही, 7 मोबाइल नंबर (वॉट्सऐप ग्रुप के ऐडमिन) और अज्ञात 150 लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। उन्हें रोड़बाजी-पत्थरबाजी, विधि-व्यवस्था को भंग करने, सांप्रदायिक दंगा भड़काने, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने, पुलिस एवं प्रशासन पर हमला करने, संपत्ति का नुकसान करने और नेशनल हाइवे को जाम करने के आरोपों में दर्ज किया गया है। इस मामले की जाँच के लिए ध्रुव कुमार चौधरी को सौंपा गया है और शुक्रवार (16 फरवरी 2024) को एफआईआर नंबर 86/2024 दर्ज किया गया है।
जुलूस पर हमला करने वाले 14 गिरफ्तार।
पुलिस ने बताया है कि अभी तक 14 लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है, जिसमें अलाउद्दीन (उम्र 40 वर्ष), मोहम्मद सरताज (उम्र 45 वर्ष), मोहम्मद अलाउद्दीन (उम्र 40 वर्ष), मोहम्मद समीर (उम्र 20 वर्ष), मोहम्मद तबरेज (उम्र 25 वर्ष), मोहम्मद परवेज (उम्र 25 वर्ष), मोहम्मज निजाम (उम्र 22 वर्ष), मोहम्मद नसीम (उम्र 35 वर्ष), मोहम्मद नौसाद (उम्र 40 वर्ष), रहमान कुरैशी (उम्र 28 वर्ष), मोहम्मद अब्दुल्ला (उम्र 21 वर्ष), मोहम्मद फैजान (उम्र 20 वर्ष), अब्दुल बारीक (उम्र 45 वर्ष) और मोहम्मद महताब (उम्र 23 वर्ष) शामिल हैं।
एफआईआर में इस्लामिक कट्टरपंथियों के नाम।
इस मामले में पुलिस ने फैजान पिता मो परवेज, महताब आलम पिता अंसार अहमद, अब्दुल बारीक पिता स्व मो खखन, अब्दुल्ला पिता मो हीरा को पकड़ा और फिर अन्य आरोपितों की पहचान की। इन दंगाइयों के साथ ही पुलिस ने हमले में शामिल, मैनाज खातून पति मो सलीम ऑटो वाला, अदजद उर्फ गोलू पिता मो राजा शेख, मो राशीद पिता अज्ञात, फैयाज, नूर आलम, इजहार कुरैशी, चाँद कुरैशी, राजू बिजली मिस्त्री, शमीर, छोटू पिता जुबैर, निजाम पिता बसीर, निशान पिता नौशाद, हप्पू कुरैशी, फैजान पिता मंसूर शेख, नौशी पिता मो कलाम, तवरेज, जबुल्ला, फैजान पिता मो. आलमगीर, अरजू, मोहम्मद उजाले, मोहम्मद नाजिर, मोहम्मद आदारी, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद अमन, अरसलान, अफताब, मोहम्मद कोनेन, मोहम्मब गुलाब, मोहम्मद नूरेआलम समेत 61 नामजदों और 150 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
इस मामले में पुलिस ने फैजान पिता मो परवेज, महताब आलम पिता अंसार अहमद, अब्दुल बारीक पिता स्व मो खखन, अब्दुल्ला पिता मो हीरा को पकड़ा और फिर अन्य आरोपितों की पहचान की। इन दंगाइयों के साथ ही पुलिस ने हमले में शामिल, मैनाज खातून पति मो सलीम ऑटो वाला, अदजद उर्फ गोलू पिता मो राजा शेख, मो राशीद पिता अज्ञात, फैयाज, नूर आलम, इजहार कुरैशी, चाँद कुरैशी, राजू बिजली मिस्त्री, शमीर, छोटू पिता जुबैर, निजाम पिता बसीर, निशान पिता नौशाद, हप्पू कुरैशी, फैजान पिता मंसूर शेख, नौशी पिता मो कलाम, तवरेज, जबुल्ला, फैजान पिता मो. आलमगीर, अरजू, मोहम्मद उजाले, मोहम्मद नाजिर, मोहम्मद आदारी, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद अमन, अरसलान, अफताब, मोहम्मद कोनेन, मोहम्मब गुलाब, मोहम्मद नूरेआलम समेत 61 नामजदों और 150 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।