शुक्रवार को सोशल मीडिया पर दिल्ली के इंद्रलोक इलाके का एक वीडियो खूब वायरल हो गया। इस वीडियो में, सड़क पर कई लोग नमाज पढ़ रहे थे और जब उन्हें हटाने की कोशिश की गई, तो एक सब-इंस्पेक्टर ने बल का इस्तेमाल किया। दरअसल, इसी बल के इस्तेमाल में दारोगा की एक पैर भी फिसल गया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद, कॉंग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य इस्लामी समूहों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया।
इसके साथ ही, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतरकर इस घटना के खिलाफ प्रतिष्ठान किया। अंत में, सब इंस्पेक्टर मनोज तोमर को सस्पेंड कर दिया गया। वर्तमान में, इस घटना के संबंध में अन्य वीडियो भी सामने आ रहे हैं, जिनमें दिखाया गया है कि सड़क पर जबरन नमाज पढ़ने के मामले में सब इंस्पेक्टर तोमर ने कई बार समझाया, लेकिन उनकी सुनवाई की नहीं गई।
सोशल मीडिया X के एक हैंडल @Cyber_Huntss ने 8 मार्च की घटना को लेकर एक डेढ़ मिनट का एक वीडियो साझा किया है। उन्होंने इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “जब कहा गया कि हटो, तो हटने की बजाय झुंड में आने और पुलिस को धमकाने का प्रयास किया गया। यह सोशल मीडिया पर आंदोलन को भड़काने और पुलिस को गलत साबित करने का एक और उदाहरण है।”
वीडियो की शुरुआत में दिखाया जा रहा है कि एक कॉन्स्टेबल सड़क पर नमाज पढ़ रहे लोगों से हटने की अपील कर रहा है, लेकिन कोई भी उसकी गुजारिश पर ध्यान नहीं दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के विपरीत, पीछे से माइक पर जोरदार आवाज़ सुनाई दे रही है। कुछ लोग पहले से ही कैमरा लेकर तैयार खड़े हैं और वीडियो बनाने के लिए कह रहे हैं। इस दौरान एक भीड़ पुलिसकर्मियों के साथ झगड़ती नजर आ रही है।
पुलिसकर्मी भीड़ के हंगामे से परेशान होकर मौके पर डटे रहे। इस हंगामे के कारण पीछे से कई वाहनों की आवाज सुनाई दी, जो संभवतः जाम जैसी स्थिति से परेशान लग रही थी। अन्य X यूजर @MrSinha_ ने भी इसी घटना से जुड़ा 47 सेकेंड का वीडियो शेयर किया है। उस वीडियो में साफ दिखाई गई कि सड़क पर बाकायदा दरी बिछा दी गई है।
एक दिव्यांग को आगे किया गया था। सब इंस्पेक्टर मनोज तोमर अपने साथियों के साथ बार-बार भीड़ को हटाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन भीड़ उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थी। एक व्यक्ति को आगे बढ़ाते हुए, पीछे के दो लोग उसी जगह पर बैठ जाते थे। काफी समय तक सब इंस्पेक्टर लोगों को समझाते दिखे, लेकिन उन्हें उकसाने की कोशिश की जाती रही।
जब ये वीडियो सोशल मीडिया पर साझा हुए, तो इंद्रलोक थाने के चौकी प्रभारी मनोज तोमर के समर्थन में नेटीजेंस ने मुहिम शुरू की। उन्हें सम्मानित करने की मांग के साथ-साथ, उनके निलंबन को वापस लेने की भी मांग उठाई गई। X प्लेटफ़ॉर्म पर #IStandWithManojTomar हैशटैग ट्रेंड करने लगा। चंदन शर्मा नामक एक यूजर ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर मनोज को भीड़ बार-बार उकसा रही है।
श्रवण विश्नोई नाम के एक अन्य यूजर ने भी #IStandWithManojTomar हैशटैग लगाते हुए भीड़ पर पहले पुलिस को उकसाने और बाद में विक्टिम कार्ड खेलने का आरोप लगाया है।
क्या था पूरा मामला
8 मार्च को जुमे के दिन, दिल्ली के इंद्रलोक इलाके में एक भीड़ ने सड़क पर नमाज पढ़नी शुरू कर दी। इस घटना के बाद, शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तैनात सब इंस्पेक्टर मनोज तोमर ने भीड़ को समझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी गुजारिश से कोई असर नहीं हुआ। अंत में, उन्होंने ट्रैफिक जाम होता देखकर हल्का बल प्रयोग किया।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो के आधार पर, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, और AIMIM जैसे दलों के नेता ने पुलिस पर कार्रवाई की मांग की। अंततः, दबाव में दिल्ली पुलिस ने दरोगा मनोज तोमर को सस्पेंड कर दिया। इस विषय पर अन्य वीडियो सामने आने के बाद, नेटीजेंस दरोगा पर हुई इस कार्रवाई का विरोध कर रही है।