दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपितों में से एक उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी जमानत याचिका वापस ले ली है। उसकी जमानत पर बुधवार (14 फरवरी, 2024) को सुनवाई होनी थी। खालिद के वकील कपिल सिब्बल ने इसकी पुष्टि की है। याचिका वापस लेने की वजह हालात में बदलाव को बताया गया है। अब उमर खालिद निचली अदालतों में जमानत की संभावनाएँ खोजेगा। हालाँकि, जिला अदालत और हाईकोर्ट में उमर खालिद की जमानत अर्जी पहले ही ख़ारिज हो चुकी हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार (14 फरवरी, 2024) को उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। यह सुनवाई न्यायमूर्ति बेला M त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की बेंच में होनी थी। सुनवाई से ठीक पहले उमर खालिद के वकील कपिल सिब्बल में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दे कर याचिका वापस लेने की अपील की। अर्जी वापस लेने की वजह उसने हालात में बदलाव होना बताया। कपिल सिब्बल की यह अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली। अब कपिल सिब्बल का कहना है कि वो निचली अदालतों में मौजूद कानूनी विकल्पों पर काम करेंगे।
पहले ही बता दिया गया था कि उमर खालिद की जमानत याचिका को दिल्ली की कड़कड़ूमा सत्र अदालत ने मार्च 2022 में ख़ारिज कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ उमर खालिद ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दर्ज की थी। अक्टूबर 2022 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी उमर खालिद को जमानत नहीं देने का फैसला किया था। इसके बाद, उमर खालिद को लगा कि सुप्रीम कोर्ट में रुख कर सकता है। मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से उमर खालिद के केस में जवाब तलब किया था। नवंबर 2023 में, दोनों पक्षों के वकीलों के अनुपस्थिति के कारण मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो सकी थी।
याद दिलाते हैं कि 2020 के दिल्ली दंगों में साजिश रचने के आरोपित जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब से वह लगातार जेल में बंद हैं। उस पर UAPA एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज है।