भारतीय लोकपाल ने तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI जाँच का आदेश दिया है। महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने का आरोप है, जिसके बाद उनकी सांसदी भी चली गई थी। अब लोकपाल के आदेश के बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (PCA) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उनसे पूछताछ भी होगी।
‘कोरम ऑफ जुडिशल मेम्बर’ जस्टिस अभिलाषा कुमारी, अर्चना रामसुन्दरम और महेन्दर सिंह ने माना कि आरोप न सिर्फ गंभीर हैं बल्कि इसके समर्थन में ठोस सबूत भी मौजूद हैं। इस मामले में गहराई से जाँच की आवश्यकता है ताकि सच्चाई का पता चल सके।
लोकपाल ने कहा कि ये उसका कर्तव्य है और कानून भी यही कहता है कि भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएँ। जनप्रतिनिधि होने के नाते जिम्मेदारियाँ और बोझ कुछ ज़्यादा होती है, इसलिए इस बारे में संज्ञान लेना जरूरी है।
14 अक्टूबर, 2023 को अधिवक्ता व महुआ मोइत्रा के पूर्व पार्टनर जय अनंत देहाद्राई के पत्र को लेकर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शिकायत दर्ज कराई थी।
आरोप है कि महुआ मोइत्रा ने लोकसभा के ऑनलाइन पोर्टल में अपने खाते का पूरा एक्सेस अपने मित्र और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को दे रखा था और उन्हें उपहारों के बदले में महँगे उत्पादों से लाभ पहुंचाया गया। महुआ मोइत्रा ने अपने दिल्ली स्थित सरकारी आवास की मरम्मत के लिए भी कारोबारी से पैसे लिए थे। उनका आरोप है कि उन्होंने संसद में सवाल पूछकर दर्शन हीरानंदानी के व्यवसायिक हितों को बढ़ावा देने का काम किया। इसमें खासकर गौतम अडानी के नुकसान पहुंचाने की चेष्टा की गई थी।
लोकपाल ने कहा कि जब जनप्रतिनिधि ऐसी गलतियाँ करते हैं, तो लोकतंत्र की विधानिक, प्रशासनिक और आर्थिक प्रक्रियाएँ प्रभावित होती हैं। सीबीआई को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह महीने-महीने की जाँच की प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करे। इस मामले से संबंधित हर दस्तावेज को सीबीआई के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। हालांकि, लोकपाल ने अपने आदेश में महुआ मोइत्रा का नाम स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया है। सीबीआई ने इस मामले में पहली रिपोर्ट को पहले ही जमा कर दिया है, जिसके आधार पर लोकपाल ने कहा है कि आरोप शुरुआती रूप से सही हैं।