बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह ने हाल ही में हिंदुओं की भावना को आहत करने वाले एक विधायक नेता के बयान का समर्थन किया है। उनका कहना है कि यह बयान फतेह बहादुर का नहीं, बल्कि सावित्री बाई फुले का है, जो समाज में सुधार के लिए महत्वपूर्ण रूप से योगदान करने वाली पहली महिला शिक्षिका थीं।
इस मुद्दे पर सभी गंभीरता से चिंतित हैं और शिक्षा मंत्री ने इसे सामाजिक मीडिया पर साझा करके बताया है कि समाज में सुधार के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी जताया कि अब वे बच्चों को अच्छे संदेशों के माध्यम से प्रेरित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे ताकि समाज में सहानुभूति बनी रहे। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि विवादित बयानों का उपयोग नहीं करना चाहिए जो समाज में गलत प्रभाव डाल सकते हैं, और इसे सुलझाने के लिए सकारात्मक कदम उठाना आवश्यक है।
पहले ही इस मामले में, फतेह बहादुर ने खुद उस बयान को सावित्री बाई फुले का बयान बताते हुए पूरे मामले को सुलझा लिया है। चंद्रशेखर सिंह ने जिस कार्यक्रम में इस मुद्दे पर बोला है, उसी के पोस्टर ने लालू यादव के घर के बाहर एक और विवादित सन्देश दिखाया था। इस पर लिखा था-
“मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग। मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश मिलता है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की तरफ बढ़ रहे हैं और स्कूल की घंटी बजती है तो यह संदेश है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान, वैज्ञानिकता, और प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं। अब तय करना है कि आपको किस ओर जाना चाहिए?”
पोस्टर के साइड में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की तस्वीरें भी थीं, इसके अलावा फतेह बहादुर का बड़ा सा चित्र भी दृश्यमान था। कार्यक्रम के प्रमुख आयोजकों में फतेह बहादुर सिंह कुशवाहा का नाम शामिल था, जो कुछ दिनों पहले ही माता सरस्वती पर विवादास्पद बयान देने के लिए चर्चा में आए थे।
हर बार दूसरों के हवाले से विवादास्पद टिप्पणी करना, हिंदू आस्था को ठेस पहुँचाना फतेह बहादुर सिंह की आदत बन चुकी है। कुशवाहा समाज से ताल्लुक रखने वाले और बिहार के रोहतास जिले के डेहरी से सत्ताधारी RJD के विधायक फतेह ने कुछ समय पहले यह कहा,
“आपके ग्रंथों में लिखा है कि सरस्वती (सरस्वती) जो है, वह ब्रह्मा की बेटी है और ब्रह्मा जी का अपनी ही पुत्री के प्रति नियत खराब हुआ और उन्होंने (ब्रह्मा) उससे शादी कर ली। आप समझें… पूजा किसकी होती है, चरित्रवान की या चरित्रहीन की?”
आरजेडी विधायक ने इसे जारी रखते हुए कहा, “यह चरित्रवान-चरित्रहीन वाली बात मैं नहीं कह रहा हूँ, यह संत कबीरदास ने कही है। मैं उनका कहा हुआ बात कह रहा हूँ। उन्होंने आगे कहा कि स्कूलों में सरस्वती जी की प्रतिमा नहीं लगाई जानी चाहिए।”
उनके इन बयानों के बाद, कई लोग उनसे नाराज थे। हिंदू शिवभवानी सेना ने इस पर प्रतिक्रिया दी और ऐलान किया कि जो कोई फतेह बहादुर की जीभ काटकर लाएगा, उसे 10 लाख रुपए का इनाम मिलेगा।