PM Modi,कतर से भारत आ पाए तो सिर्फ पीएम मोदी की वजह से ‘असंभव को संभव कर दिखाया’ हिंदी पत्रिका

कतर ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों-कर्मचारियों को जेल से रिहा कर दिया है। इन 8 लोगों में से 7 भारत लौट आए हैं, जो कि फाँसी से बच निकले हैं। इन नौसैनिकों ने दिल्ली के इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर पहुँचते ही ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से यहाँ आने का शुक्रिया अदा किया।

इन सभी को जासूसी के आरोपों में फाँसी की सजा दी गई थी, लेकिन पीएम मोदी ने दुबई दौरे के समय उनकी रिहाई को सुनिश्चित कर दिया था। पीएम मोदी के दौरे से इन लोगों को पहले तो फाँसी की सजा से राहत मिली, और अब डिप्लोमेटिक रास्ते से सभी को रिहा किया गया है।

कतर ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों-कर्मचारियों को जेल से रिहा कर दिया है। उनकी आजादी के बाद, इन 8 लोगों में से 7 वापस भारत लौट आए हैं। दिल्ली के इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर पहुँचते ही, ये नौसेनिकों ने अपनी धरती माता की जय का नारा दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, कहते हुए कि उनके सहारे ही यह संभव हुआ।

यह जानकारी भी दी गई कि इन नौसैनिकों को जासूसी के आरोपों में फाँसी की सजा दी गई थी, लेकिन पीएम मोदी ने दुबई दौरे के समय उनकी रिहाई को सुनिश्चित कर दिया था। पीएम मोदी के दौरे से इन लोगों को पहले तो फाँसी की सजा से राहत मिली, और फिर अब डिप्लोमेटिक रास्ते से सभी को रिहा कर दिया गया है।

एक पूर्व नौसैनिक ने कहा, “हमने भारत वापस आने की लंबी प्रतीक्षा की, लगभग 18 महीनों तक। हमारे प्रधानमंत्री के प्रयासों के लिए हम अत्यंत आभारी हैं। उनके नेतृत्व में किए गए निर्णयों और कतर के साथ उनके समझौतों के बिना, यह संभव नहीं था। हम भारत सरकार के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं और उनके सभी प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हैं। इस दिन को हम उनके बिना सोचने भी नहीं सकते थे।” इसके साथ ही, उन्होंने पीएम मोदी और कतर के अमीर के बीच के मजबूत संबंधों की भी ज़िक्र की, जिनकी वजह से इस प्रक्रिया में मदद मिली।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कतर ने भारत सरकार की नीतियों और प्रयासों के परिणामस्वरूप यह निर्णय लिया है। इस निर्णय का ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि यह भारत-कतर के बीच हाल ही में हुए गैस समझौते के बाद आया है। इस निर्णय से पहले, इन लोगों को जासूसी के आरोप में फाँसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन भारत सरकार ने उनकी रिहाई के लिए विशेष उपाय किए और अब उन्हें रिहा कर दिया गया है।

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भारत सरकार ने इन पूर्व अधिकारियों की बचाव की मांग दबावपूर्ण बना दी थी। इस दौरान, भारतीय सरकार ने कतर के साथ कानूनी और डिप्लोमैटिक मार्ग से संवाद जारी रखा था। जब नवंबर में इन 5 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई, तब तक उनके स्थिति के बारे में कोई स्पष्टता नहीं थी। इस प्रकार की मामले ने अंततः वैश्विक ध्यान को आकर्षित किया।

भारत सरकार ने कतर से कान्सुलर एक्सेस की मांग की, जो उनके कानूनी अधिकारों का उल्लंघन करने वाले मामलों में अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। इसके बाद, भारत ने नवंबर में कान्सुलर एक्सेस प्राप्त किया और मामले की सम्पूर्ण जानकारी हासिल की। इस बीच, भारतीय सरकार ने व्यापक रूप से कानूनी और राजनयिक प्रक्रिया का सम्मान किया। इस दौरान, इन पूर्व अधिकारियों ने कतर के उच्चतम न्यायालय में अपील की, जिसके बाद सरकार ने कानूनी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए। इसी दौरान, भारत के द्वारा कतर पर दबाव बढ़ाता गया।

मध्यमार्ग के दौरान, दिसंबर के प्रारंभ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में कतर के अमीर से मुलाकात की। पीएम मोदी ने COPE28 की बैठक में भाग लिया, जिसका आयोजन दुबई में किया गया था। इस दौरान, चार सप्ताह के भीतर ही फाँसी की सजा को रद्द कर दिया गया। जब केस की सुनवाई चल रही थी, तब कोर्ट में भारतीय राजदूत भी उपस्थित थे, जिससे यह प्रतीत होता है कि मोदी सरकार किसी भी हाल में इस मामले को गंभीरता से ले रही थी।

इन नौसैनिकों को मिली जेल से रिहाई।

कतर की कैद से मुक्त होने वाले पूर्व नौसेनिकों में सम्मिलित नामों में कमांडर पूर्णेन्द्रु तिवारी, कमांडर नवतेज सिंह गिल, कमांडर वीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ और कैप्टन गोपाकुमार शामिल हैं। ये सभी पिछले 5 साल से दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी क्षेत्र में काम कर रहे थे। इन पर जासूसी के आरोप लगाए गए थे और उन्हें फाँसी की सजा सुनाई गई थी। लेकिन दिसंबर 2023 की शुरुआत में भारत सरकार ने दूतावासीय पहुँच हासिल कर ली थी, जिसके बाद उनकी फाँसी की सजा पर रोक लगी थी।

कतर के फैसले का स्वागत।

भारत के विदेश मंत्रालय ने कतर के इस निर्णय का स्वागत किया है। विदेश मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान में यह कहा गया है, “भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर के अमीर के निर्णय की सराहना करते हैं।”

बता दें कि कतर की एक अदालत ने 26 अक्टूबर, 2023 को भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। साल 2022 में कतर की एक कंपनी में काम करने वाले इन अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगाकर वहाँ की इस्लामी सरकार ने इन्हें गिरफ्तार किया था। ये सभी पूर्व अधिकारी वहाँ की ‘अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज’ (ADGTCS) नाम की कंपनी के लिए काम कर रहे थे।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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