प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार (24 फरवरी 2024) को सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण परियोजना के पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इन गोदामों को 11 राज्यों की 11 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्सों) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस दौरान सहकारी क्षेत्र की अन्य कई योजनाओं का भी उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया है।
यह जानकर हर्षित है कि 11 राज्यों की 11 पैक्स में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अंतर्गत गोदामों का उद्घाटन एवं 500 पैक्स में गोदामों का शिलान्यास हुआ है। इस महत्वपूर्ण क्षण में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत मंडपम ‘विकसित भारत’ की अमृत यात्रा में एक और बड़ी उपलब्धि का साक्षी बन रहा है। सहकारिता से समृद्धि का वादा करने वाले देश ने आज इस संकल्प को साकार करने के लिए एक और कदम बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “आज हमने अपने किसानों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है। देश में हजारों गोदाम और भंडारण स्थलों की योजना को शुरू किया गया है, जिससे कृषि बुनियादी ढांचे का नया विस्तार होगा। आज कंप्यूटरीकृत 18000 PACS भी काम कर रहे हैं, जो कृषि को आधुनिक तकनीक से जोड़ने में मदद करेंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारिता के महत्व पर चर्चा की, कहा, “हमारे किसानों के लिए सहकारिता का महत्व अत्यंत बड़ा है। सहकारिता मंत्रालय के गठन के साथ ही, हम इस अद्वितीय योजना के लिए प्रयासरत हैं। यह सहकारिता न केवल एक व्यवस्था है, बल्कि यह एक भावना भी है। यह भावना हमें बहुत सारे आश्चर्यजनक परिणाम देती है, जो कई बार संसाधनों की सीमाओं से परे जाते हैं।”
कृषि क्षेत्र में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “सहकारिता देश की अर्थव्यवस्था को आधुनिकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे हमारे कृषि उत्पादन की सुधार होती है और किसानों को नए तकनीकी तौर से जोड़ा जाता है। यह सहकारिता के माध्यम से करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचाती है।”
पीएम ने महिलाओं के योगदान को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा, “सहकारिता क्षेत्र में महिलाओं को अधिक सम्मान और समर्थन मिलना चाहिए। इससे हम न केवल उनका सशक्तिकरण करेंगे, बल्कि विकसित भारत की ओर महत्वपूर्ण कदम बढ़ाएंगे।”
प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में सुधारों को लेकर कहा, “हमने देशभर में 10,000 किसान संगठन (एफपीओ) की स्थापना का लक्ष्य रखा था और मुझे खुशी है कि अब पहले ही 8,000 एफपीओ स्थापित हो चुके हैं। आज हमारे एफपीओ की सफलता की कहानियाँ देश की सीमाओं को पार कर रही हैं।”
वहीं, केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को नए दौर में ले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसे प्रासंगिक बनाने, आधुनिक बनाने और पारदर्शिता लाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद से सहकारिता मंत्रालय की माँग होती रही है, जिसे कोई भी सरकार पूरा नहीं कर पाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बनने के बाद, इस 70 साल पुरानी माँग को पूरा किया गया और सहकारिता मंत्रालय का गठन हुआ।