पूनम पांडेय के सामने लोगों का सवाल है: क्या वह अभी भी जी रही है? उसके असल में क्या स्टंट था और उस पर कब कार्रवाई होगी? वास्तव में, यह एक अजीब घटना है कि जिस दिन उसने अपनी मौत की अफवाह फैलाई थी, उसके अगले दिन वह जीवित नजर आई। और उसका उद्देश्य भी कुछ अजीब है, जिसके लिए उसने उस अफवाह को फैलाया था, क्योंकि वह सामाजिक संज्ञान बढ़ाना चाहती थी। यह सामाजिक संज्ञान भी विचित्र है, जो इतनी बड़ी सनसनी को पैदा करने के लिए हो सकता है। बिल्कुल सही बात है, पूनम पांडेय का नाम सनसनी के साथ जुड़ा हुआ है।
पूनम पांडेय के कार्य पर कोई टिप्पणी न करते हुए उनके इस असंगत कदम पर ही ध्यान देना चाहिए। पूनम पांडेय, पहले भी ऐसे काम कर चुकी हैं और इसे देखकर किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए थी, मगर इस प्रकार से मौत का मजाक उड़ाना? लोगों को बेवकूफ समझना? कुछ देर के लिए लोगों को यह खबर सही लगी कि पूनम पांडेय अब इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उसके बाद लोगों के दिल में संदेह पैदा होने लगा।