तृणमूल कॉन्ग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पैसे और महंगे उपहारों को लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शनिवार (23 मार्च 2024) को उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की। CBI ने ये कार्रवाई भ्रष्टाचार रोकथाम संस्था लोकपाल के निर्देशों पर की है। इससे पहले सीबीआई ने गुरुवार (21 मार्च 2024) को महुआ पर केस दर्ज किया था।
सीबीआई की यह कार्रवाई कैश फॉर क्वेरी मामले से जुड़ी है। एजेंसी महुआ मोइत्रा के कोलकाता सहित कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। दिल्ली से गई सीबीआई की एक टीम महुआ मोइत्रा के पिता के दक्षिण कोलकाता के अलीपुर इलाके में स्थित उनके फ्लैट पर पहुँची है और उसकी तलाशी ले रही है।
महुआ के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए थे। इसकी प्रारंभिक जाँच के बाद लोकपाल ने सीबीआई को निर्देश जारी किए। लोकपाल ने CBI को इस मामले के सभी पहलुओं की जाँच करके 6 महीने में रिपोर्ट देने को कहा है। दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ ने उद्योगपति गौतम अडानी पर हमला करने के लिए व्यवासायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछे थे।
न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी, सदस्य अर्चना रामसुंदरम और महेंद्र सिंह की लोकपाल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि एक सांसद के रूप में महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगाए गए आरोप ठोस सबूत पर आधारित हैं और ये आरोप अत्यंत गंभीर प्रकृति के हैं। लोकपाल की पीठ ने कहा कि इस बारे में सच का पता लगाने के लिए गहन जाँच की आवश्यकता है।
महुआ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया था। पिछले साल दिसंबर में महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हालाँकि, उन्हें राहत नहीं मिली। वहीं, तृणमूल कॉन्ग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में उन्हें पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।